सोमवार, 18 जुलाई 2011

मासूमों के शोषण में मध्यप्रदेश सबसे आगे


देश के अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश नाबालिगों विशेषकर लड़कियों के शोषण के मामले में अव्वल बनकर उभरा है। यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी ताजा आंकडों से हुआ है, जिसके अनुसार मध्यप्रदेश में नाबालिगों के साथ 4646 आपराधिक वारदातें हुई, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। इसमें भी प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला इंदौर337 मामलों के साथ पहले स्थान पर रहा है। इसी प्रकार जबलपुर में 257 और भोपाल में 127 मामले सामने आए हैं। इन आपराधिक घटनाओं में भी मासूम बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं ज्यादा हुई हैं। एनसीआरबी के ये आंकड़े मध्यप्रदेश को शर्मसार करने के लिए काफी हैं। बच्चों विशेषकर नाबालिग लड़कियों से बलात्कार के मामले में मध्यप्रदेश ‘नंबर वन’ है, प्रदेश में 1071 नाबालिग बिच्चयों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुई, जो पूरे देश में हुई वारदातों का 20 प्रतिशत है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग बिच्चयों के साथ बलात्कार के मामले में मध्यप्रदेश के बाद उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर है, जहां क्र मश: 625 और 612 घटनाएं दर्ज हुईं। बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार के मामले में भोपाल तीसरे नंबर पर है। के बाद भोपाल में बच्चों के साथ सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएं हुईं। दिल्ली में बलात्कार की 258, मुंबई में 85 और भोपाल में 77 घटनाएं हुई। इसी प्रकार, यदि बच्चों की हत्याओं की बात करें तो मध्यप्रदेश में 115 बच्चों की हत्याएं हुई, जबकि उत्तरप्रदेश में 363, महाराष्ट्र में 181 और बिहार में 126 हत्याएं हुई। इस मामले में भोपाल छठे स्थान पर है, जहां बाल हत्या के सात प्रकरण दर्ज किए गए। दिल्ली 65 बाल हत्याओं के साथ पहले और मुंबई 16 बाल हत्याओं के साथ दूसरे नंबर पर है।
बचपन बचाओ आंदोलन के प्रांतीय संयोजक डॉ. राघेवन्द्र सिंह तोमर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में बाल व्यापार, बाल विवाह और बाल श्रम जैसी घटनाएं आए दिन अखबारों की सुखिर्यों में रहती हैं, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में ऐसे अपराध नहीं के बराबर हैं।

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